BASIC STRUCTURE
Computer Functions – कंप्यूटर की कार्य प्रणाली
Computer Hardware Structure – कंप्यूटर की हार्डवेयर संरचना
Parts of CPU and their Functions – सीपीयू के अन्दरूनी भाग
computer keyboard – कम्प्यूटर की-बोर्ड
computer memory definition – कम्प्यूटर की मेमारी
कंप्यूटर की कार्य प्रणाली (Computer functions)
कंप्यूटर को ठीक प्रकार से कार्य करने के लिये सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों की अावश्यकता होती है। अगर सीधी भाषा में कहा जाये तो यह दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। बिना हार्डवेयर सॉफ्टवेयर बेकार है और बिना सॉफ्टवेयर हार्डवेयर बेकार है। मतलब कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से हार्डवेयर कमांड दी जाती है किसी हार्डवेयर को कैसे कार्य करना है उसकी जानकारी सॉफ्टवेयर के अन्दर पहले से ही डाली गयी होती है। कंप्यूटर के सीपीयू से कई प्रकार के हार्डवेयर जुडे रहते हैं, इन सब के बीच तालमेल बनाकर कंप्यूटर को ठीक प्रकार से चलाने का काम करता है सिस्टम सॉफ्टवेयर यानि ऑपरेटिंग सिस्टम।
कंप्यूटर की कार्य प्रणाली
कंप्यूटर के कार्यप्रणाली की प्रक्रिया एक चरणबद्ध तरीके से होती है –
इनपुट (Input) —– प्रोसेसिंग (Processing) —– आउटपुट (Output)
- इनपुट के लिये अाप की-बोर्ड, माउस इत्यादि इनपुट डिवाइस का प्रयोग करते हैं साथ ही कंप्यूटर को सॉफ्टवेयर के माध्यम से कंमाड या निर्देश देते हैं या डाटा एंटर करते हैं।
- यह इस प्रक्रिया का दूसरा भाग है इसमें अापके द्वारा दी गयी कंमाड या डाटा को प्रोसेसर द्वारा सॉफ्टवेयर में उपलब्ध जानकारी और निर्देशों के अनुसार प्रोसेस कराया जाता है।
- तीसरा अौर अंतिम भाग आउटपुट इसमें आपके द्वारा दी गयी कंमाड के अाधार पर प्रोसेस की गयी जानकारी का आउटपुट कंप्यूटर द्वारा आपको दिया जाता है जो आपको आउटपुट डिवाइस द्वारा प्राप्त हो जाता है।
कंप्यूटर की हार्डवेयर संरचना (Computer hardware structure)
कम्प्यूटर के निम्न महत्वपूर्ण भाग होते है:-
• मोनीटर या एल.सी.डी.
• की-बोर्ड
• माऊस
• सी.पी.यू.
मोनीटर या एल सी डी :– इसका प्रोयोग कम्प्यूटर के सभी प्रेाग्राम्स का डिस्प्ले दिखाता है। यह एक आउटपुट डिवाइस है।
की-बोर्ड :– इसका प्रयोग कम्प्यूटर मे टाइपिंग लिए किया जाता है, यह एक इनपुट डिवाइस है हम केवल की-बोर्ड के माध्यम से भी कम्प्यूटर को आपरेट कर सकते है।
माऊस :- माऊस कम्प्यूटर के प्रयोग को सरल बनाता है यह एक तरीके से रिमोट डिवाइस होती है और साथ ही इनपुट डिवाइस होती है।
सी. पी. यू.(सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट):- यह कम्प्यूटर का महत्वपूर्ण भाग होता है हमारा सारा डाटा सेव रहता है कम्प्यूटर के सभी भाग सी. पी. यू. से जुडे रहते है।
यू.पी.एस.(अनिट्रप पावर सप्लार्इ):- यह हार्डवेअर या मशीन कम्प्यूटर बिजली जाने पर सीधे बन्द होने से रोकती है जिससे हमारा सारा डाटा सुरक्षित रहता है।
यह सारे हार्डवेयर दो भागों में बॅटे रहता है-
- आउटपुट डिवाइस
- इनपुट डिवाइस
Parts of CPU and their Functions – सीपीयू के अन्दरूनी भाग
सीपीयू कम्प्यूटर का मुख्य भाग होता है, इसी प्रकार सी0पी0यू0 भी कई भागों में बॅटा होता है या वह भी कई हार्डवेयरों को जोडकर बनाया जाता है, इन्ही हार्डवेयर भागों की गुणवत्ता और क्षमता पर सी0पी0यू0 की कार्यक्षमता निर्भर करती है –
हार्ड डिस्क:-
यह वह भाग है जिसमें कम्प्यूटर के सभी प्रोग्राम और डाटा सुरक्षित रहते है। हार्ड डिस्क की मेमोरी स्थायी होती है, इसीलिए कम्प्यूटर को बंद करने पर भी इसमें सुरक्षित प्रोग्राम और डाटा समाप्त नहीं होता है। आज से 10 वर्ष पहले हार्डडिस्क की स्टोरेज क्षमता गीगाबाइट/जी0बी0 मेगाबाइट या एम0बी0 तक सीमित रहती थी किन्तु आजकल हार्ड डिस्क की स्टोरेज क्षमता को टेराबाइट या टीबी में मापा जाता है किन्तु आजकल 500 जी0बी0 तथा 1 TB या 1000 GB के क्षमतायुक्त पीसी लोकप्रिय हो गए है। हार्ड डिस्क की क्षमता जितनी अधिक होगी उतना ही ज्यादा डाटा स्टोर किया जा सकता है।
मदर बोर्ड :-
मदर बोर्ड फाइबर ग्लास का बना एक समतल प्लैटफार्म होता है, जो कम्प्यूटर के सभी हार्डवेयरों को जैसे की बोर्ड, माउस, एल0सी0डी0, प्रिन्टर आदि को एक साथ जोडें रखता है। मदरबोर्ड से ही प्रोसेसर, हार्डडिस्क, रैम भी जुडी रहती है तथा यू0एस0बी0, या पेनडाइव लगाने के लिये के भी यू0एस0बी0 पाइन्ट मदरबोर्ड बोर्ड में दिये गये होते हैं। साथ ही मदरबोर्ड से ही हमें ग्राफिक, तथा साउण्ड का आनन्द भी मिलता है।
सेन्ट्रल प्रासेसिग यूनिट (प्रोसेसर):-
यह कम्प्यूटर का सबसे अधिक महत्वपूर्ण भाग है। इसमें एक माक्रोप्रोसर चिप रहता है जो कम्प्यूटर के लिए सोचने के सभी काम करता है और यूजर के आदेशेा तथा निर्देशों के अनुसार प्रोग्राम का संचालन करता है। एक तरह से यह कम्प्यूटर का दिमाग ही होता है। इसी वजह से यह काफी गरम भी होता है और इसको ठंडा रखने के लिेये इसके साथ एक बडा सा फैन भी लगाया जाता है जिसे सी0पी0यू0 फैन कहते हैं। आजकल प्रोसेसर पिन लैस आते हैं लेकिन आज से 5 साल पहले पिन वाले प्रोसेसर आते थे। इसनें सबसे प्रचलित पैन्टीयम 4 प्रोसेसर रहें हैं। आज के समय में इन्टेल कम्पनी के डयूलकोर और आई03 या आई07 प्रोसेसर काफी प्रचलित हैं। इन प्रोसेसरों से कम्प्यूटर की क्षमता काफी बढ जाती है।
डी.वी.डी. राइटर :-
यह वह भाग है जो डी0वी0डी0-राइटर डिस्क में संचित डाटा को पढता है तथा डी0वी0डी0 को राइट भी करता है जब तक डी0वी0डी राइटर नहीं आया था तक डी0वी0डी रोम चलते थे और उससे पहले सी0डी0 राइटर या सी0डी0 रोम होते थे और उससे भी पहले फ्लोपी डिस्क ड्राइव होती थी जिसमें केवल 3;4 एम0बी0 डाटा ही स्टोर किया जा सकता था। आजकल ब्लूरे डिस्क क भी अविष्कार हो चुका है जिसमें लगभग 40 जी0बी0 तक डाटा स्टोर किया जा सकता है। इसके लिये कम्प्यूटर में ब्लूरे राइटर को लगाना आवश्यक होगा।
रैम :-
रैम की फुलफार्म रैन्डम एक्सिस मैमरी होती है, रैम कम्प्यूटर को वर्किग स्पेस प्रदान करती यह एक प्रकार की अस्थाई मैमोरी होती है, इसमें कोई भी डाटा स्टोर नहीं होता है। जब हम कोई एप्लीकेशन कम्प्यूटर में चलाते हैं, तो वह चलते समय रैम का प्रयोग करती है। कम्प्यूटर में कम रैम होने की वजह से कभी कभी हैंग होने की समस्या आती है तथा कुछ ऐप्लीकेशन को पर्याप्त रैम नहीं मिलती है तो वह कम्प्यूटर में नहीं चलते है। रैम कई प्रकार की आती है, जैसे DDR, DDR1, DDR2 तथा DDR3 आजकल के प्रचलन में डी0डी0आर03 रैम है। रैम के बीच के कट को देखकर रैमों को पहचाना जा सकता है।
पावर सप्लार्इ :-
कम्प्यूटर के सभी भागों को उनकी क्षमता के अनुसार पावर प्रदान करने का कार्य पावर सप्लाई करती है। इसको भी ठंडा रखने के लिये इसमें फैन लगा होता है। इसमें से मदरबोर्ड, हार्डडिस्क, डी0वी0डी0राइटर को उचित सप्लाई देने हेतु अलग अलग प्रकार के वायर दे रखे होते है। इसका मेन स्वीच सी0पी0यू0 के पीछे दिया होता है जहॉ पावर केबिल के माध्यम से कम्प्यूटर को पावर दी जाती है।
Computer keyboard कम्प्यूटर की-बोर्ड
की-बोर्ड :-
की-बोर्ड टाइपराटर जैसा उपकरण होता है जिसमें कम्प्यूटर में सूचनाए दर्ज करने के लिए बटन दिये गये होते हैं जिन्हें हम की (key) कहते है ।
टाइपराइटर कीज:- Typewriters
ये की बोर्ड का मुख्य हिस्सा होता है, यह मुख्यत टाइपिंग सम्बन्धी कार्य को करने में काम आता है, इन्हीं की से हम किसी भी भाषा में टाइप कर सकते हैं, इसके लिये सिर्फ हमको कम्प्यूटर में फान्ट बदलना होगा।
फक्शन कीज :- Function Keys
टाइपराइटर की के सबसे ऊपरी भाग में एक लाइन में एफ-1 से लेकर एफ-12 संख्या तक रहती है। किसी भी साफ्टवेयर पर काम करते समय इनका प्रयोग उसी साफ्टवेयर में दी गयी सूची के अनुसार अलग अलग तरीके से किया जाता हैा
कर्सर कंट्रोल कीज :- Cursor control keys
इन कीज से कम्प्यूटर के क्रर्सर को नियंत्रित किया जाता है, इससे आप कर्सर को अप, डाउन, लेफ्ट, राइट आसानी से ले जाया जा सकता है, यह की बोर्ड पर ऐरो के निशान से प्रर्दशित रहती है।
पेज अप कीज :- Page Up keys
इनका प्रयोग डाक्यूमेंट के पिछले पृष्ठ पर जाने के लिए किया जाता है।
पेज डाउन कीज:- Page Down keys
इनका प्रयोग अगले पृष्ठ पर जाने के लिए किया जाता है।
होम की:- Home Key
इसका प्रयोग कर्सर लाइन के शुरू में लाने के लिए होता है।
एंड की:- End Key
यह की कर्सर को लाइन के अंत में ले जाती है।
न्यूमेरिक की पैड:- numeric keypad
की-बोर्ड की दार्इ ओर न्यूमेरिक की-पैड होता है जिसमें कैलुक्यूलेटर के समान कीज होती है। इनसे से कुछ कीज दो काम करती हैं। न्यूमेरिक कीज के दोनो कार्यो को आपस में बदलने के लिए नम लोक की का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए-संख्या 7 युक्त की, होम की के रूप में केवल तभी काम करती है। जब नम लोक की आफ होती है। जब नम लोक की आन होती है। तो 1,2,3,4,5,6,7,8,9,0 चिनिहत कीज, न्यूमेरिक कीज के रूप में काम करती है। इनमें से किसी को भी दबाने पर स्क्रीन पर एक संख्या दिखार्इ देता है।
कैप्स लाक की :- Caps Lock
सामान्यतया अक्षर लोअर केस मे ही टाइप होता है। यदि आप एक बार कैप्स लाक की को दबा दे तो टाइप किया जानेाला अक्षर अपर केसा में टाइप केस में टार्इप होता है। इसे वापस लोअर केस में टाइप करने के किए एक बार फिर कैप्स लोक दबा दें।
शिफ्ट कीज :- Shift Keys
इसको दबाकर यदि आप कोर्इ अक्षर की दबाए तो वह अपर केस अक्षर में ही टाइप होगी। यदि कैप्स लाक आन की सिथति में हो तो यह कि्रया उलट जाएगी। जब एक की पर दो चिन्ह या कैरेक्टर बने हों तब शिप्ट की दबाने से ऊपरी चिन्ह स्क्रीन पर दिखार्इ देगा।
कंट्रोल एंव आल्ट कीज :- Ctrl and Alt keys
कंट्रोल एंव आल्ट कीज का प्रयोग अकसर कोर्इ विशेष काम करने के लिए अन्य की के साथ संयुक्त् रूप में किया जाता है। जैसे- कंट्रोल और सी को एक आप डोस प्राम्प्ट पर लौट आते है। कंट्रोल आल्ट और डिलीट कीज को एक साथ क्रमवार दबाने से मशीन स्वयं ही दोबारा शुरू हो जाती है।
एंटररिटर्न :- Enter Return keys
एंटर की को रिर्टन की भी कहा जाता है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से दो कार्यो के लिए किया जाता है। पहला यह पीसी को सूचना देता है कि आपने निर्देश देने का काम छोड दिया है। अत: वहा दिए गए निर्देशों को प्रोसेस या एक्जीक्यूट करें। दूसरा माइक्रोसाफ्ट वर्ड प्रोग्राम का प्रयोग करते समय एन्टर की दबाने पर नया पैराग्राफ या पंकित शुरू हो जाती है।
टैब की :- Tab
यह कर्सर को एक पूर्वनिर्धारित स्थान पर आगे ले जाती है। इसके द्वारा आप पैराग्राफ शुरू कर सकते है तथा कालम, टैक्स्ट या संख्याओं को एक सीध में लिख सकते है। कुछ साफ्टवेयरों में यह मेन्यू में एक विकल्प से दूसरे विकल्प पर जाने में मदद करती है।
डिलीट की :- Delete
कर्सर की दार्इ ओर लिखे कैरेक्टर या स्पेस को आप इसको दबाकर मिटा सकते है।
बैकस्पेस की :- Back Space
इसे दबाकर आप कर्सर के बार्इ और लिखे अक्षर को मिटा सकते है। ऐसा करने पर कर्सर अन्त में टाइप किए गए अक्षर को मिटाने हुए बार्इ ओर लौटता है।
Computer Memory Definition
कम्प्यूटर की दुनिया में स्टोरेज क्षमता का नापने के लिये भी मात्रकों का निर्धारण किया गया है
कम्प्यूटर की मैमोरी की सबसे छोटी ईकाई होती है बिट (bit) जब चार बिट को मिला दिया जाता है तो निर्माण होता है तो उसे निब्बल (Nibble) कहते हैं यानी 1 निब्बल = 4 बिट बाइट (Byte) 8 बिट के एक समूह को बाइट कहते हैं।
सामान्यत एक जब आप एक अंक या अक्षर अपने कम्प्यूटर में टाइप करते हैं तो उसको एक बाइट से व्यक्त किया जाता है या सीधे शब्दों में कहें तो वह एक बाइट के बराबर जगह घेरता है। यानी 1 बाइट = 8 बिट = 2 निब्बल इस प्रकार लगभग 11099511627776 बाटइ के समूह को टैराबाइट कहा जाता है और एक टैराबाईट में लगभग 20 लाख एम0पी03 को स्टोर किया जा सकता है।
- A kilobyte is 103 or 1,000 bytes.
- A megabyte is 106 or 1,000,000 bytes. = 1024 kilobyte
- A gigabyte is 109 or 1,000,000,000 bytes.= 1024 megabyte
- A terabyte is 1012 or 1,000,000,000,000 bytes.= 1024 gigabyte
- A petabyte is 1015 or 1,000,000,000,000,000 bytes.= 1024 terabyte
- An exabyte is 1018 or 1,000,000,000,000,000,000 bytes.= 1024 petabyte
- A zettabyte is 1021 or 1,000,000,000,000,000,000,000 bytes.= 1024 exabyte
- A yottabyte is 1024 or 1,000,000,000,000,000,000,000,000 bytes. = 1024
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